Operation Sindoor के बाद बड़ा झटका: भारत से मिले 4000 करोड़ अब बंद! Turkey के Apple-Marble और Azerbaijan के Tourism पर फुल बैन की लहर
New Delhi – Operation Sindoor के बाद देश का माहौल पूरी तरह से बदल गया है। जैसे ही यह सामने आया कि Turkey और Azerbaijan ने पाकिस्तान का समर्थन किया, देशभर में इन दोनों देशों के खिलाफ गुस्सा भड़क गया। इस गुस्से ने अब सीधी चोट की है उनके टूरिज़्म और व्यापार पर।
भारत की टॉप ट्रैवल वेबसाइट Ixigo ने Turkey और Azerbaijan के लिए सभी बुकिंग्स को सस्पेंड कर दिया है। सिर्फ यही नहीं, Go Homestays ने भी Turkish Airlines के साथ अपनी पार्टनरशिप खत्म कर दी है। TAAI (Travel Agents Association of India) के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चैप्टर ने भी यही कदम उठाया है। Flipkart Travel और Cleartrip जैसे प्लेटफॉर्म्स भी अब इन दो देशों के लिए कोई नई फ्लाइट, होटल या हॉलीडे पैकेज बुकिंग नहीं कर रहे हैं।
“हम भारत के साथ हैं, और रहेंगे,”‘Boycott Turkey’– ये संदेश अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। देशभर के ट्रैवल एजेंट्स और नागरिक खुलकर इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं।
इसी बीच RPG Group के चेयरपर्सन Harsh Goenka ने भी सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “भारतीयों ने पिछले साल Turkey और Azerbaijan को ₹4,000 करोड़ से ज्यादा टूरिज़्म के ज़रिए दिए, उनकी इकोनॉमी को बूस्ट किया। अब वही देश पाकिस्तान के साथ खड़े हैं। वक्त है उन्हें सबक सिखाने का।” हालांकि उन्होंने ₹4,000 करोड़ की रकम का कोई आधिकारिक स्रोत नहीं बताया।
इस विरोध की जड़ें सिर्फ टूरिज़्म तक सीमित नहीं हैं। भारत का Turkey और Azerbaijan के साथ $12 बिलियन से ज्यादा का ट्रेड रिलेशन है। MEA के मुताबिक, FY2023-24 में भारत और तुर्की के बीच $10.43 बिलियन का द्विपक्षीय व्यापार हुआ। भारत Azerbaijan से क्रूड ऑयल का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार है।
2023 में 117,302 भारतीयों ने Azerbaijan की यात्रा की, जो 2022 की तुलना में लगभग दोगुना है। वहीं 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 2.43 लाख पहुंच गया। Turkey में 2023 में 3.3 लाख भारतीय पर्यटक पहुंचे, जो पिछले साल की तुलना में 20.7% ज्यादा था। दोनों ही देशों के लिए भारत एक बड़ा टूरिस्ट बेस है।
भारत और Turkey के बीच का सालाना व्यापार
भारत और Turkey के बीच का सालाना व्यापार $10.43 बिलियन तक पहुंच चुका है। Ministry of External Affairs (MEA) के अनुसार, FY2023-24 में भारत ने तुर्की को $6.65 बिलियन का एक्सपोर्ट और $3.78 बिलियन का इंपोर्ट किया। वहीं Azerbaijan भारत को सबसे ज़्यादा क्रूड ऑयल सप्लाई करने वाले टॉप 3 देशों में शामिल है।
Pune के ट्रेडर्स ने तुर्की से आने वाले सेब का बहिष्कार शुरू कर दिया है। वहां के मार्केट में Turkish सेब हर साल ₹1,000 से ₹1,200 करोड़ का कारोबार करते हैं।
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Udaipur Marble Processors Association ने तुर्की से Marble Import पूरी तरह बंद करने की मांग की है।एसोसिएशन के अध्यक्ष Kapil Surana ने ANI से कहा,
“हमने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है कि Turkish Marble पर बैन लगे। व्यापार राष्ट्र से बड़ा नहीं हो सकता।”
उन्होंने बताया कि संगठन के पास 125 सदस्य हैं और तुर्की भारत के आयातित मार्बल का लगभग 70% सप्लाई करता है। हर साल 14–18 लाख टन मार्बल तुर्की से आता है, जिसकी कीमत ₹2,500 से ₹3,000 करोड़ के बीच होती है।
हाल में हुए हमलों में Pakistan ने Turkish drones का इस्तेमाल किया, खासकर Asisguard Songar drones। यह खबर भारत के सुरक्षा विशेषज्ञों को चौकन्ना कर चुकी है।राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिये से यह स्थिति बेहद संवेदनशील बन चुकी है। जहां एक ओर सुरक्षाबल सीमाओं पर अपना फर्ज निभा रहे हैं, वहीं देश की जनता भी आर्थिक और टूरिज़्म स्तर पर जवाब दे रही है।
भविष्य में क्या हो सकता है? सरकार इन देशों के साथ व्यापारिक रिश्तों की समीक्षा कर सकती है। Marble, Oil, और Tourism सेक्टर में आयात-निर्यात पर भी कड़े फैसले संभव हैं।